सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिवस की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ (14 अगसà¥à¤¤, 2017) पर माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ महोदय का राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के नाम संदेश
राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के कारà¥à¤¯ में लगे हà¥à¤ मेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ देशवासियो,
सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के 70 वरà¥à¤· पूरे होने के अवसर पर आप सà¤à¥€ को बहà¥à¤¤-बहà¥à¤¤ शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚। कल देश आजादी की 71वीं वरà¥à¤·à¤—ांठमनाने जा रहा है। इस वरà¥à¤·à¤—ांठकी पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर मैं आप सबको हारà¥à¤¦à¤¿à¤• बधाई देता हूं।
15 अगसà¥à¤¤, 1947 को हमारा देश à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बना था। संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ पाने के साथ-साथ उसी दिन से देश की नियति तय करने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ हà¥à¤•à¥‚मत के हाथों से निकलकर हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पास आ गई थी। कà¥à¤› लोगों ने इस पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को ‘सतà¥à¤¤à¤¾ का हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚तरण’ à¤à¥€ कहा था।
लेकिन वासà¥à¤¤à¤µ में वह केवल सतà¥à¤¤à¤¾ का हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚तरण नहीं था। वह à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़े �"र वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बदलाव की घड़ी थी। वह हमारे समूचे देश के सपनों के साकार होने का पल था - à¤à¤¸à¥‡ सपने जो हमारे पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ �"र सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानियों ने देखे थे। अब हम à¤à¤• नये राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करने �"र उसे साकार करने के लिठआजाद थे।
हमारे लिठयह समà¤à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ जरूरी है कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ का उनका सपना, हमारे गांव, गरीब �"र देश के समगà¥à¤° विकास का सपना था।
आजादी के लिठहम उन सà¤à¥€ अनगिनत सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानियों के ऋणी हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसके लिठकà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दी थीं।
कितà¥à¤¤à¥‚र की रानी चेनà¥à¤¨à¤®à¥à¤®à¤¾, à¤à¤¾à¤‚सी की रानी लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ, à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आंदोलन की शहीद मातंगिनी हाज़रा जैसी वीरांगना�"ं के अनेक उदाहरण हैं।
मातंगिनी हाज़रा लगà¤à¤— 70 वरà¥à¤· की बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— महिला थीं। बंगाल के तामलà¥à¤• में à¤à¤• शांतिपूरà¥à¤£ विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ का नेतृतà¥à¤µ करते समय बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गोली मार दी थी। ‘वंदे मातरम॒ उनके होठों से निकले आखिरी शबà¥à¤¦ थे �"र à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी, उनके दिल में बसी आखिरी इचà¥à¤›à¤¾à¥¤
देश के लिठजान की बाजी लगा देने वाले सरदार à¤à¤—त सिंह, चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र आजाद, राम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बिसà¥à¤®à¤¿à¤², अशफाक उलà¥à¤²à¤¾ खां, तथा बिरसा मà¥à¤‚डा जैसे हजारों सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानियों को हम कà¤à¥€ नहीं à¤à¥à¤²à¤¾ सकते।
आजादी की लड़ाई की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ से ही हम सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ रहे हैं कि देश को राह दिखाने वाले अनेक महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ �"र कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारियों का हमें आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ मिला।
उनका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सिरà¥à¤« राजनीतिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना नहीं था। महातà¥à¤®à¤¾ गांधी ने समाज �"र राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पर बल दिया था। गांधीजी ने जिन सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों को अपनाने की बात कही थी, वे हमारे लिठआज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हैं।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤° �"र संघरà¥à¤· के इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में गांधीजी अकेले नहीं थे। नेताजी सà¥à¤à¤¾à¤· चंदà¥à¤° बोस ने जब ‘तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ खून दो, मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ आजादी दूंगा’ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया तो हजारों-लाखों à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उनके नेतृतà¥à¤µ में आजादी की लड़ाई लड़ते हà¥à¤ अपना सब कà¥à¤› नà¥à¤¯à¥‹à¤›à¤¾à¤µà¤° कर दिया।
नेहरूजी ने हमें सिखाया कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ विरासतें �"र परंपराà¤à¤‚, जिन पर हमें आज à¤à¥€ गरà¥à¤µ है, उनका टेकà¥à¤¨à¥‰à¤²à¥‰à¤œà¥€ के साथ तालमेल संà¤à¤µ है, �"र वे परंपराà¤à¤‚ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में सहायक हो सकती हैं।
सरदार पटेल ने हमें राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾ �"र अखंडता के महतà¥à¤µ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक किया; साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह à¤à¥€ समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ कि अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨-यà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ चरितà¥à¤° कà¥à¤¯à¤¾ होता है।
बाबासाहेब à¤à¥€à¤®à¤°à¤¾à¤µ अंबेडकर ने संविधान के दायरे मे रहकर काम करने तथा ‘कानून के शासन’ की अनिवारà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के विषय में समà¤à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ साथ ही, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शिकà¥à¤·à¤¾ के बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ महतà¥à¤µ पर à¤à¥€ जोर दिया।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मैंने देश के कà¥à¤› ही महान नेता�"ं के उदाहरण दिठहैं। मैं आपको �"र à¤à¥€ बहà¥à¤¤ से उदाहरण दे सकता हूं। हमें जिस पीढ़ी ने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिलाई, उसका दायरा बहà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• था, उसमें बहà¥à¤¤ विविधता à¤à¥€ थी। उसमें महिलाà¤à¤‚ à¤à¥€ थीं �"र पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¥€, जो देश के अलग-अलग कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ �"र विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ राजनीतिक �"र सामाजिक विचारधारा�"ं का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करते थे।
आज देश के लिठअपने जीवन का बलिदान कर देने वाले à¤à¤¸à¥‡ वीर सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानियों से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर आगे बढ़ने का समय है। आज देश के लिठकà¥à¤› कर गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ की उसी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में सतत जà¥à¤Ÿà¥‡ रहने का समय है।
नैतिकता पर आधारित नीतियों �"र योजना�"ं को लागू करने पर उनका जोर, à¤à¤•à¤¤à¤¾ �"र अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में उनका दृढ़ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, विरासत �"र विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के समनà¥à¤µà¤¯ में उनकी आसà¥à¤¥à¤¾, विधि के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शासन �"र शिकà¥à¤·à¤¾ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨, इन सà¤à¥€ के मूल में नागरिकों �"र सरकार के बीच साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ की अवधारणा थी।
यही साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°-निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का आधार रही है - नागरिक �"र सरकार के बीच साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ �"र समाज के बीच साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€, परिवार �"र à¤à¤• बड़े समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के बीच साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€à¥¤
मेरे पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ देशवासियो,
अपने बचपन में देखी गई गांवों की à¤à¤• परंपरा मà¥à¤à¥‡ आज à¤à¥€ याद है। जब किसी परिवार में बेटी का विवाह होता था, तो गांव का हर परिवार अपनी-अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ बांट लेता था, �"र सहयोग करता था। जाति या समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ कोई à¤à¥€ हो, वह बेटी उस समय सिरà¥à¤« à¤à¤• परिवार की ही बेटी नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ पूरे गांव की बेटी होती थी।
शादी में आने वाले मेहमानों की देखà¤à¤¾à¤², शादी के अलग-अलग कामों की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€, यह सब पड़ोसी �"र गांव के सारे लोग आपस में तय कर लेते थे। हर परिवार, कोई न कोई मदद जरूर करता था। कोई परिवार शादी के लिठअनाज à¤à¥‡à¤œà¤¤à¤¾ था, कोई सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥‡à¤œà¤¤à¤¾ था, तो कोई तीसरा परिवार जरूरत की अनà¥à¤¯ चीजों के साथ पहà¥à¤‚च जाता था।
उस समय पूरे गांव में अपनेपन का à¤à¤¾à¤µ होता था, साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ का à¤à¤¾à¤µ होता था, à¤à¤• दूसरे की सहायता करने का à¤à¤¾à¤µ होता था। यदि आप जरूरत के समय अपने पड़ोसियों की मदद करेंगे तो सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है कि वे à¤à¥€ आपकी जरूरत के समय मदद करने के लिठआगे आà¤à¤‚गे।
लेकिन आज, बड़े शहरों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बिलà¥à¤•à¥à¤² अलग है। बहà¥à¤¤ से लोगों को वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक यह à¤à¥€ नहीं मालूम होता कि उनके पड़ोस में कौन रहता है। इसलिà¤, गांव हो या शहर, आज समाज में उसी अपनतà¥à¤µ �"र साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को पà¥à¤¨à¤ƒ जगाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। इससे हमें à¤à¤• दूसरे की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ï¿½"ं को समà¤à¤¨à¥‡ �"र उनका समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करने में तथा à¤à¤• संतà¥à¤²à¤¿à¤¤, संवेदनशील �"र सà¥à¤–ी समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करने में मदद मिलेगी।
आज à¤à¥€ à¤à¤• दूसरे के विचारों का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करने का à¤à¤¾à¤µ, समाज की सेवा का à¤à¤¾à¤µ, �"र खà¥à¤¦ आगे बढ़कर दूसरों की मदद करने का à¤à¤¾à¤µ, हमारी रग-रग में बसा हà¥à¤† है। अनेक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ �"र संगठन, गरीबों �"र वंचितों के लिठचà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª �"र पूरी लगन से काम कर रहे हैं।
इनमें से कोई बेसहारा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठसà¥à¤•à¥‚ल चला रहा है, कोई लाचार पशà¥-पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सेवा में जà¥à¤Ÿà¤¾ है, कोई दूर-दराज के इलाकों में आदिवासियों तक पानी पहà¥à¤‚चा रहा है, कोई नदियों �"र सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सफाई में लगा हà¥à¤† है। अपनी धà¥à¤¨ में मगन ये सà¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में संलगà¥à¤¨ हैं। हमें इन सब से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेनी चाहिà¤à¥¤
राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठà¤à¤¸à¥‡ करà¥à¤®à¤ लोगों के साथ सà¤à¥€ को जà¥à¤¡à¤¼à¤¨à¤¾ चाहिà¤; साथ ही सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठजा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ का लाठहर तबके तक पहà¥à¤‚चे इसके लिठà¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होकर काम करना चाहिà¤à¥¤ इसके लिठनागरिकों �"र सरकार के बीच साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैः
¨ सरकार ने ‘सà¥à¤µà¤šà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¤¤’ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ किया है लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› बनाना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार शौचालय बना रही है �"र शौचालयों के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ दे रही है, लेकिन इन शौचालयों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना �"र देश को ‘खà¥à¤²à¥‡ में शौच से मà¥à¤•à¥à¤¤’ कराना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार देश के संचार ढांचे को मजबूत बना रही है, लेकिन इंटरनेट का सही उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ के लिठपà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सà¥à¤¤à¤° में असमानता को समापà¥à¤¤ करना, विकास के नठअवसर पैदा करना, शिकà¥à¤·à¤¾ �"र सूचना की पहà¥à¤‚च बढ़ाना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार ‘बेटी बचा�" - बेटी पढ़ा�"’ के अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को ताकत दे रही है लेकिन यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना कि हमारी बेटियों के साथ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ न हो �"र वे बेहतर शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करें - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार कानून बना सकती है �"र कानून लागू करने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को मजबूत कर सकती है लेकिन कानून का पालन करने वाला नागरिक बनना, कानून का पालन करने वाले समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ पर जोर दे रही है, सरकारी नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ �"र सरकारी खरीद में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° समापà¥à¤¤ कर रही है, लेकिन रोजमरà¥à¤°à¤¾ की जिंदगी में अपने अंतःकरण को साफ रखते हà¥à¤ कारà¥à¤¯ करना, कारà¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को पवितà¥à¤° बनाठरखना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
¨ सरकार ने टैकà¥à¤¸ की पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को आसान करने के लिठजी.à¤à¤¸.टी. को लागू किया है, पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ï¿½"ं को आसान बनाया है; लेकिन इसे अपने हर काम-काज �"र लेन-देन में शामिल करना तथा टैकà¥à¤¸ देने में गरà¥à¤µ महसूस करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करना - हममें से हर à¤à¤• की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है।
मà¥à¤à¥‡ खà¥à¤¶à¥€ है कि देश की जनता ने जी.à¤à¤¸.टी. को सहरà¥à¤· सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¾ है। सरकार को जो à¤à¥€ राजसà¥à¤µ मिलता है, उसका उपयोग राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में ही होता है। इससे किसी गरीब �"र पिछड़े को मदद मिलती है, गांवों �"र शहरों में बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ï¿½"ं का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है, �"र हमारे देश की सीमा�"ं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ मजबूत होती है।
पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ देशवासियो,
सनॠ2022 में हमारा देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे करेगा। तब तक ‘नà¥à¤¯à¥‚ इंडिया‘ के लिठकà¥à¤› महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का हमारा ‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संकलà¥à¤ª’ है।
जब हम ‘नà¥à¤¯à¥‚ इंडिया’ की बात करते हैं तो हम सबके लिठइसका कà¥à¤¯à¤¾ अरà¥à¤¥ होता है? कà¥à¤› तो बड़े ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ मापदंड हैं जैसे - हर परिवार के लिठघर, मांग के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• बिजली, बेहतर सड़कें �"र संचार के माधà¥à¤¯à¤®, आधà¥à¤¨à¤¿à¤• रेल नेटवरà¥à¤•, तेज �"र सतत विकास।
लेकिन इतना ही काफी नहीं है। यह à¤à¥€ जरूरी है कि ‘नà¥à¤¯à¥‚ इंडिया’ हमारे डीà¤à¤¨à¤ में रचे-बसे समगà¥à¤° मानवतावादी मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समाहित करे। ये मानवीय मूलà¥à¤¯ हमारे देश की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पहचान हैं। यह ‘नà¥à¤¯à¥‚ इंडिया’ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ समाज होना चाहिà¤, जो à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की �"र तेजी से बढ़ने के साथ-साथ, संवेदनशील à¤à¥€ होः
¨ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ संवेदनशील समाज, जहां पारंपरिक रूप से वंचित लोग, चाहे वे अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति के हों, जनजाति के हों या पिछड़े वरà¥à¤— के हों, देश के विकास पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में सहà¤à¤¾à¤—ी बनें।
¨ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ संवेदनशील समाज, जो उन सà¤à¥€ लोगों को अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ �"र बहनों की तरह गले लगाà¤, जो देश के सीमांत पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ में रहते हैं, �"र कà¤à¥€-कà¤à¥€ खà¥à¤¦ को देश से कटा हà¥à¤† सा महसूस करते हैं।
¨ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ संवेदनशील समाज, जहां अà¤à¤¾à¤µà¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ बचà¥à¤šà¥‡, बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— �"र बीमार वरिषà¥à¤ नागरिक, �"र गरीब लोग, हमेशा हमारे विचारों के केंदà¥à¤° में रहें। अपने दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग à¤à¤¾à¤ˆ-बहनों पर हमें विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना है �"र यह देखना है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जीवन के हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अनà¥à¤¯ नागरिकों की तरह आगे बढ़ने के अधिक से अधिक अ�